मुसलमान किसे वोट दें ?

“बिहार मुस्लिम महापंचायत” ने जारी किया “मुस्लिम घोषणा पत्र”

मुसलमान अपने विकास के मुद्दों पर वोट करें, किसी को हराने या जिताने के लिए नहीं — काशिफ यूनुस

मुसलमान किसे वोट दें ?

पटना। बिहार विधान सभा चुनाव में मुसलमान किसे वोट दें ? यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है। इसका जवाब तलाश करने की कोशिश बिहार मुस्लिम महापंचायत ने की है। मुस्लिम महापंचायत ने मुस्लिम घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा है कि मुसलमान किसी को हराने के लिए वोट नहीं करें। उन्हें किसी उम्मीदवार या पार्टी की हार जीत से ज्यादा अपने विकास की चिंता होनी चाहिए। इस अवसर पर मुस्लिम महापंचायत के संयोजक काशिफ यूनुस ने कहा कि मुसलमानों के मुद्दों को चुनावी मुद्दा बनाने की उम्मीद और संघर्ष के संकल्प के साथ ‘बिहार मुस्लिम महापंचायत’ ने “मुस्लिम घोषणापत्र” जारी किया है।

भटक जाते हैं जनसरोकार के मुद्दे

काशिफ यूनुस ने कहा कि सत्ता और विपक्ष के राजनीतिक दलों के द्वारा समाज के पिछड़े तबके के मुद्दों पर बोलने में हिचकिचाहट देखी जाती है। समाज के पिछड़े हुए तबके जैसे मजदूर, महिला, अनुसूचित जातियां, झुग्गीवासी, किसान, इन सबके मुद्दे चुनावी मुद्दा नहीं बन पाते हैं। पूरा चुनाव दो तीन मुद्दों के आसपास भटक कर रह जाता है। कोई पाकिस्तान, तो कोई मंदिर-मस्जिद के मुद्दे पर चुनाव लड़ता रहता है। जन-सरोकार के मुद्दे पीछे छूट जाते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि विशेष प्रयास से जन-सरोकार के मुद्दों को चुनावी मुद्दा बनाया जाए। इसके लिए सामाजिक संगठन समय-समय पर जन सरोकार के मुद्दों को इकट्ठा कर, अपना घोषणा पत्र जारी करते रहते हैं। इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए मुस्लिम समाज के द्वारा आज एक “मुस्लिम घोषणापत्र” जारी किया गया है।

मुस्लिम घोषणा पत्र

सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक मुस्लिम समाज आज देश के एक बहुत ही पिछड़े हुए समाज में शामिल है। इसलिए यह जरूरी है कि इस समाज के विकास से जुड़े मुद्दों को चुनावी मुद्दा बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। इसी विशेष प्रयास का एक नाम “मुस्लिम घोषणापत्र” है।

किसे करना है वोट

मुस्लिम महापंचायत के संयोजक काशिफ यूनुस ने कहा कि मुस्लिम घोषणा पत्र को लेकर बिहार मुस्लिम महापंचायत राज्य के सभी 243 विधान सभा क्षेत्र में जाएगी और वहां की जनता को इस बात पर सजग करेगी कि वह उन्हीं उम्मीदवारों और दलों को अपना वोट दें जो मुस्लिम घोषणापत्र के मुद्दों पर काम करने के लिए तैयार हों।

इस अवसर पर बिहार मुस्लिम महापंचायत के प्रवक्ता जीशान महबूब, पत्रकार श्रीकांत, एडवोकेट अंजुम बारी, सामाजिक कार्यकर्ता रूपेश, कलीमुल्लाह और मोहम्मद इम्तियाज हैदर उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मौजूद सभी ने प्रण लिया कि वे मुस्लिम घोषणा पत्र को प्रचारित प्रसारित करने के लिए पूरे तन मन धन से काम करेंगे और इसे बिहार के सभी 243 विधान सभा क्षेत्र की जनता के बीच ले जाएंगे।

18 मुद्दे

मुस्लिम घोषणापत्र में कुल 18 मुद्दे दिए गए हैं जिनमें मुसलमानों और दलितों के प्रोटेक्शन के लिए विशेष कानून बनाना, सीएए, एनआरसी विरोधी प्रदर्शनकारियों पर से मुकदमा वापस लेना, मुसलमानों को नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में 11 फीसद आरक्षण देना, मॉब लिंचिंग के केस में डीएम और एसपी पर जिम्मेदारी डाल कर उन्हें सस्पेंड करना, मदरसों का मॉडर्नाइजेशन, पांचवीं क्लास तक मातृभाषा में शिक्षा, अल्पसंख्यक लड़कियों के लिए दलित लड़कियों के जैसा शिक्षा का इंतजाम करना, मुस्लिम युवाओं के लिए कोचिंग संस्थानों की स्थापना करना, सीमांचल के सभी जिलों में AIIMS पैटर्न का अस्पताल बनाना, शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के कामकाज का सोशल ऑडिट करवाना ताकि वक्फ संपत्तियों के सम्बंध में होने वाले भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सके, अल्पसंख्यक स्कीमों के बजट में बढ़ोतरी और इस बात को सुनिश्चित करना कि अल्पसंख्यक स्कीमों का पैसा वापस नहीं लौटे बल्कि पूरी तरह से खर्च हो, आदि शामिल हैं।

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