आरसीपी सिंह पर भाजपा का बड़ा बयान

आरसीपी सिंह फिर से राज्यसभा जाएंगे? इस सवाल का जवाब जदयू से तो नहीं आया है, लेकिन भाजपा ने बता दिया है। बिहार से राज्यसभा की जिन पांच सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें एक वह भी है जो केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का कार्यकाल पूरा होने से खाली हो रही है।

जागृत टीम

बिहार से भाजपा और जदयू की ओर से कौन कौन राज्यसभा जाएंगे, इसपर सस्पेंस बना हुआ है। लेकिन इस बीच भाजपा ने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। खास बात यह है कि भाजपा अपने कोटे के दो उम्मीदवारों के बारे में तो चुप्पी साधे हुए है, लेकिन आरसीपी सिंह पर बोलना शुरू कर दिया है।

नीतीश कुमार की चुप्पी

आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजने या नहीं भेजने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी ने भाजपा को अपना पक्ष साफ करने पर मजबूर कर दिया है। बिहार की राजनीति में आगे क्या होगा, यह बहुत हद तक राज्यसभा चुनाव पर निर्भर करता है। आरसीपी सिंह को यदि राज्यसभा भेजा जाता है तो इसका यही मतलब होगा कि जदयू ने अपनी परंपरा में बदलाव किया है। इसका दूसरा मतलब यह होगा कि आरसीपी सिंह का कद इतना बड़ा हो चुका है कि मौजूदा स्थिति में उसे छोटा करना नीतीश कुमार के लिए भी मुमकिन नहीं है। लेकिन इसका एक और मतलब है कि तमाम तरह के कयासों के बावजूद नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के रिश्ते बने हुए हैं।

भाजपा का जवाब

इसका अंदाजा आरसीपी सिंह के बारे में भाजपा के ताजा बयानों से लगाया जा सकता है। भाजपा ने अब खुल कर यह कहना शुरू कर दिया है कि उसका समझौता जदयू और नीतीश कुमार से है। भाजपा प्रवक्ता विनोद शर्मा के बाद अब अरविन्द कुमार सिंह ने भी कहा है कि जदयू किसे राज्यसभा भेजती है, यह उसका आंतरिक मामला है। इससे भाजपा को कोई लेना देना नहीं है। आरसीपी सिंह के बारे में भाजपा के बदले सुर को मीडिया की उन रिपोर्टों का जवाब भी माना जा रहा है, जिस में कहा गया है कि भाजपा आरसीपी सिंह के नाम पर जदयू के लिए अपनी एक सीट छोड़ सकती है। ऐसी रिपोर्ट के मुताबिक इसके बदले भाजपा को बिहार विधान परिषद में जदयू के सहयोग से एक अतिरिक्त सीट मिल जाएगी।

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