गुलाम रसूल बलियावी का टिकट क्यों काटा गया?
जदयू ने अपने सबसे बडे़ मुस्लिम चेहरे, मौलाना गुलाम रसूल बलियावी का टिकट काट दिया है। जदयू ने एमएलसी चुनाव के लिए आफ़ाक़ अहमद और रविंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
जागृत टीम
बिहार में भाजपा के साथ सरकार चला रहे जदयू ने मौलाना गुलाम रसूल बलियावी का टिकट काट दिया है। मौलाना बलियावी 21 जूलाई के बाद विधान पार्षद से पूर्व विधान परिषद सदस्य बन जाएंगे। गुलाम रसूल बलियावी को जदयू का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है। वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। जदयू ने आफाक अहमद खान और रविंद्र सिंह को एमएलसी चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है।
बलियावी का टिकट क्यों काटा?
जदयू ने राज्यसभा चुनाव के लिए वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह को भी उम्मीदवार नहीं बनाया। इसलिए गुलाम रसूल बलियावी का टिकट कटना आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए। लेकिन राजनीति की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह प्रश्न स्वभाविक है। असल में गुलाम रसूल बलियावी ने एमएलसी रहते हुए कुछ ऐसे काम किए हैं, जिस की उम्मीद जदयू ने शायद नहीं की थी।
सीएए-एनआरसी पर खोला था मोर्चा
मौलाना बलियावी ने नागरिक संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया था। भाजपा के साथ सरकार चला रही जदयू का एमएलसी रहते हुए ऐसे काम की कीमत चुकाने का अंदाज़ा सभी को था। इसका कारण यह है कि इस मुद्दे पर बलियावी ने न केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा था, बल्कि सड़क पर उतर कर प्रदर्शन भी किया था। इतना ही नहीं, वे जदयू के तत्कालीन अध्यक्ष आरसीपी सिंह से भी भिड़ गए थे।
सुप्रीम कोर्ट में दस्तक
गुलाम रसूल बलियावी ने सीएए एनआरसी के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर भी दस्तक दी। देश के इस गंभीर मुद्दे पर गुलाम रसूल बलियावी के मुखर होने के बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एलान किया था कि बिहार में एनआरसी नहीं होगा।