नीतीश कुमार विश्वसनीय नहीं रहे : निखिल आनंद
भाजपा नेता डॉ. निखिल आनंद ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है.
पटना: बिहार भाजपा के प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने कहा है कि नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक – वैचारिक विश्वसनीयता और नैतिक साहस खो दिया है.
निखिल आनंद भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं. उन्होंने नीतीश कुमार की भावी प्रस्तावित यात्रा पर तंज़ किया है. डॉ. आनंद ने कहा कि नीतीश जी बिहार का 14 बार दौरा कर चुके हैं. अब जनवरी 2023 में फिर से ‘यात्रा’ पर जा रहे हैं.
इन सवालों का जवाब दें
भाजपा नेता ने कहा कि सारण में जहरीली शराब से 200 लोग मरे हैं. उन मृतकों की विधवाएं और अनाथ बच्चे राज्य सरकार से न्याय और हक मांग रहे हैं. बीपीएससी और बीएसएससी में पेपर लीक के साथ साथ नियुक्ति घोटाले में भी छात्र जवाब तलाश रहे हैं. सीटीईटी, बीटीईटी, एसटीईटी उत्तीर्ण छात्र नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और पूरे राज्य में प्रतिदिन हत्या, बलात्कार, अपहरण, फिरौती के मामले सामने आ रहे हैं. शराब माफिया, खनन माफिया और क्रिमिनल गैंग ने सरकार में बैठे लोगों के साथ मिलकर सिंडिकेट बना लिया है.
मोदी का सामना करने की हिम्मत नहीं
निखिल आनंद ने कहा कि नीतीश जी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का सामना करने की हिम्मत और नैतिक साहस नहीं है. इसलिए वह चालाकी से राष्ट्रहित की बैठकों में उनसे आमने-सामने मिलने से बच रहे हैं. नीतीश जी को जानना चाहिए कि राजनीति वैचारिक स्वार्थ का विषय नहीं है. यह भाई बहन की प्रतिद्वंद्विता या संपत्ति विवाद जैसा विषय भी नहीं है.
जदयू पर निशाना
निखिल ने इस दौरान जदयू को भी निशाना बनाया. कहा कि भाजपा को धोखा देकर नीतीश जी न केवल मिस्टर यू-टर्न बल्कि भारतीय राजनीति में सबसे बड़े परजीवी के रूप में प्रसिद्ध हो गए हैं. बीजेपी ने नीतीश कुमार की राजनीतिक विश्वसनीयता स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन अपनी हताशा और दिवास्वप्न में उन्होंने एक नेता के रूप में विश्वसनीयता खो दी है.
भाजपा नेता ने कहा कि नीतीश कुमार ने अटल बिहारी वाजपेयी और अरुण जेटली जी की जयंती पर बेहद चालाकी से कुछ अप्रत्यक्ष राजनीतिक संदेश देने के लिए बस घड़ियाली आंसू बहाए थे लेकिन इससे उन्हें विश्वसनीयता स्थापित करने में मदद नहीं मिलेगी. वे कितने ही बेहतरीन शब्दों का इस्तेमाल करें लेकिन उन्होंने एक नेता के रूप में अपने नैतिक, राजनीतिक, वैचारिक मूल्य को खो दिया है.